केंद्र सरकार राज्यों के साथ साझेदारी में जल जीवन मिशन (जेजेएम) - हर घर जल को अगस्त 2019 से कार्यान्वित कर रही है, जिससे कार्यात्मक नल जल कनेक्शन के माध्यम से देश के प्रत्येक गांवों के घरों में पीने योग्य पानी उपलब्ध कराया जा सके।
यह जानकारी जल शक्ति राज्य मंत्री श्री वी. सोमन्ना ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन की योजना पूरे देश में बनाने और उसे तेजी से लागू करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की संतृप्ति योजनाओं और वार्षिक कार्य योजनाओं (एएपी) पर संयुक्त चर्चा और उन्हें अंतिम रूप देना, कार्यान्वयन की नियमित समीक्षा, कार्यशालाएं/सम्मेलन/ क्षमता निर्माण के लिए वेबिनार, प्रशिक्षण, ज्ञान साझा करना, तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए बहु-विषयक टीमों द्वारा क्षेत्र का दौरा आदि शामिल हैं। जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए एक विस्तृत परिचालन दिशानिर्देश; गांवों में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ग्राम पंचायतों और ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी) के लिए मार्गदर्शन और आंगनवाड़ी केंद्रों, आश्रमशालाओं और स्कूलों में पाइप से जलापूर्ति के लिए एक विशेष अभियान पर दिशानिर्देश राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किए गए हैं ताकि जल जीवन मिशन की योजना और कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाया जा सके।
मिशन की शुरुआत में केवल 3.23 करोड़ (16.7 प्रतिशत) ग्रामीण घरों में ही नल के पानी के कनेक्शन होने की सूचना थी। केंद्र और राज्यों, दोनों के सम्मिलित प्रयासों से, जल जीवन मिशन - हर घर जल के अंतर्गत लगभग 12.43 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण घरों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस प्रकार, 21 जुलाई 2025 तक, देश के 19.36 करोड़ ग्रामीण घरों में से 15.67 करोड़ (80.94 प्रतिशत) से अधिक घरों में नल के पानी की आपूर्ति होने की सूचना है।
दीर्घकालिक स्थिरता और नागरिक-केंद्रित जल सेवा वितरण हेतु बुनियादी ढाँचे की गुणवत्ता और ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजनाओं के संचालन एवं रखरखाव पर ध्यान केंद्रित करते हुए मिशन के निरंतर कार्यान्वयन के माध्यम से 100 प्रतिशत कवरेज प्राप्त करने के लिए, माननीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण वर्ष 2025-26 के दौरान कुल परिव्यय में वृद्धि के साथ जल जीवन मिशन को वर्ष 2028 तक बढ़ाने की घोषणा की है। कुल परिव्यय में वृद्धि के साथ जल जीवन मिशन को वर्ष 2028 तक जारी रखने का प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है।
राज्यों ने सूचित किया है कि जल संकटग्रस्त, सूखाग्रस्त और रेगिस्तानी क्षेत्रों में भरोसेमंद पेयजल स्रोतों की कमी, भूजल में भू-जीनिक संदूषकों की उपस्थिति, असमान भौगोलिक भूभाग, बिखरी हुई ग्रामीण बस्तियां, कुछ राज्यों में राज्य के हिस्से के बराबर धनराशि जारी करने में देरी, कार्यान्वयन एजेंसियों, ग्राम पंचायतों और स्थानीय समुदायों के पास जलापूर्ति योजनाओं की योजना बनाने, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव के लिए तकनीकी क्षमता की कमी , कच्चे माल की बढ़ती कीमत, वैधानिक/अन्य मंजूरी प्राप्त करने में देरी आदि मिशन के कार्यान्वयन में आने वाली कुछ समस्याएं हैं।
चुनौतियों का समुचित रूप से समाधान करने और इन पर विजय पाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ पूंजी निवेश परियोजनाओं के लिए 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में वित्तीय सहायता के लिए वित्त मंत्रालय के माध्यम से राज्यों को पूंजीगत व्यय के लिए विशेष सहायता का कार्यान्वयन; राज्यों को वैधानिक/अन्य मंजूरी प्राप्त करने में सुविधा प्रदान करने के लिए केंद्रीय नोडल मंत्रालयों/विभागों/एजेंसियों के साथ समन्वय करने के लिए विभाग में एक नोडल अधिकारी का नामांकन; राज्य कार्यक्रम प्रबंधन इकाइयों (एसपीएमयू) और जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाइयों (डीपीएमयू) की स्थापना और कार्यक्रम प्रबंधन के लिए तकनीकी कौशल और मानव संसाधन की उपलब्धता में अंतर को पाटने के लिए गांव स्तर पर कुशल स्थानीय श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए " नल जल मित्र कार्यक्रम " का कार्यान्वयन आदि है।
मिशन के अंतर्गत राज्यों को अन्य योजनाओं जैसे कि मनरेगा, एकीकृत जलग्रहण प्रबंधन कार्यक्रम (आईडब्ल्यूएमपी), आरएलबी/पीआरआई को 15वें वित्त आयोग से संबद्ध अनुदान, राज्य योजनाएं, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) निधि आदि के साथ समन्वय करते हुए स्रोत पुनर्भरण, अर्थात समर्पित बोरवेल पुनर्भरण संरचनाएं, वर्षा जल पुनर्भरण, मौजूदा जल निकायों का पुनरुद्धार, अपशिष्ट जल (ग्रेवाटर) का पुनः उपयोग आदि के लिए सलाह दी गई है।
जल शक्ति अभियान: कैच द रेन (जेएसए: सीटीआर) अभियान, जिसका उद्देश्य जनभागीदारी से जमीनी स्तर पर जल संरक्षण को प्रोत्साहित करना है, वर्ष 2019 में देश के 256 जल संकटग्रस्त जिलों में शुरू किया गया था। विशेष रूप से पेयजल उपलब्धता के लिए सतत जल प्रबंधन के महत्व को स्वीकार करते हुए, जेएसए-सीटीआर को वर्ष 2023 में "पेयजल के लिए स्रोत स्थिरता" और वर्ष 2024 में "नारी शक्ति से जल शक्ति" थीम के साथ लागू किया गया था। जेएसए को "जल संरक्षण के लिए जन कार्रवाई - गहन सामुदायिक जुड़ाव की ओर " थीम के साथ लागू किया जा रहा है, जिसमें जल संरक्षण के क्षेत्र में समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया गया है।
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