लखीमपुर
विद्या भारती के तीनों विद्यालयों — पंडित दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मंदिर (सीबीएसई बोर्ड), पंडित दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मंदिर (यू.पी. बोर्ड) एवं सनातन धर्म सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज — के संयुक्त तत्वावधान में आज संयुक्त मेधा अलंकरण समारोह का भव्य आयोजन किया गया। समारोह का उद्देश्य मेधावी विद्यार्थियों, आदर्श आचार्यों एवं समाजसेवियों का सम्मान करना रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती व भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। सरस्वती वंदना से वातावरण भक्तिमय हो उठा।
मुख्य अतिथि के रूप में माननीय नितिन अग्रवाल जी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आबकारी एवं मध्य निषेध विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार उपस्थित रहे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में माननीय डॉ. सौरभ मालवीय जी, मंत्री, विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा श्री हरेंद्र श्रीवास्तव जी, अध्यक्ष,भारतीय शिक्षा समिति उत्तर प्रदेश मंचासीन रहे।
इसके अतिरिक्त श्री राजेंद्र बाबू जी (पूर्व प्रदेश निरीक्षक, विद्या भारती), सुरेश सिंह जी (संभाग निरीक्षक, सीतापुर), रवि भूषण साहनी जी (प्रबंधक, सीबीएसई बोर्ड), विमल अग्रवाल जी (प्रबंधक, यू.पी. बोर्ड), योगेंद्र प्रताप सिंह जी, शिप्रा बाजपेई जी, रश्मि बाजपेई जी, चंद्रभूषण साहनी जी, मुनेंद्र दत्त शुक्ल जी, राममणि मिश्रा जी, अरुण गुप्ता जी, महावीर जी, कर्नल सी.पी. मिश्रा जी सहित अनेक गणमान्य अतिथि एवं समाजसेवी उपस्थित रहे।
🏅 मेधावी विद्यार्थियों एवं आचार्यों का सम्मान
तीनों विद्यालयों के विद्यार्थियों को विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया —
1. क्षेत्रीय एवं अखिल भारतीय प्रतियोगिताओं में विजेता विद्यार्थी,
2. हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा में रजत/स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले,
3. तीन वर्षों में 100% से अधिक उपस्थिति वाले छात्र-छात्राएँ
4. जनपद स्तर पर स्थान प्राप्त करने वाले भैया-बहन
5. तथा निष्ठापूर्वक कार्य करने वाले आचार्य-आचार्या एवं गैर-शैक्षणिक कर्मचारी।
सभी को अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
सीबीएसई बोर्ड की बहनों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समारोह में सांस्कृतिक रंग भर दिया और उपस्थित जनसमूह भावविभोर हो उठा.
मुख्य अतिथि माननीय नितिन अग्रवाल जी ने कहा-
“शिक्षा केवल परीक्षा में अंक प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि यह चरित्र निर्माण का मार्ग है। विद्या भारती के विद्यालय ज्ञान के साथ संस्कार का अद्भुत संगम प्रस्तुत करते हैं। यही विद्यार्थी आने वाले कल में राष्ट्र निर्माता बनेंगे।”
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में संस्कार, अनुशासन और परिश्रम को अपनाना ही वास्तविक सफलता की कुंजी है।
“भारत विश्वगुरु तभी बनेगा जब हमारे विद्यार्थी नैतिक मूल्यों के साथ विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे।”
माननीय मंत्री ने आचार्यों को भी बधाई देते हुए कहा कि गुरु ही वह शक्ति हैं जो बालक को विद्यार्थी से नागरिक और नागरिक से कर्मयोगी बनाती है.
संपूर्ण वातावरण राष्ट्रप्रेम, संस्कार एवं गर्व की भावना से ओतप्रोत रहा।








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