अल्पसंख्यकवाद से मुक्ति पर विचार हो
-
-डॉ. सौरभ मालवीय
भारत एक विशाल देश है। यहां विभिन्न समुदाय के लोग निवास करते हैं। उनकी
भिन्न-भिन्न संस्कृतियां हैं, परन्तु सबकी नागरिकता एक ही ह...
skip to main |
skip to sidebar
Saturday, June 20, 2020
Friday, June 19, 2020
Sunday, June 14, 2020
Wednesday, February 12, 2020
डॉ. सौरभ मालवीय और लोकेंद्र सिंह की पुस्तक ‘राष्ट्रवाद और मीडिया’ का विमोचन
भोपाल। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के अध्येता डॉ. सौरभ मालवीय एवं लोकेन्द्र सिंह की पुस्तक ‘राष्ट्रवाद और मीडिया’ का विमोचन मीडिया विमर्श की ओर से आयोजित पं. बृजलाल द्विवेदी अखिल भारतीय साहित्यिक सम्मान समारोह में हुआ। भोपाल स्थित गाँधी भवन में पुस्तक विमोचन के लिए मंच पर प्रख्यात समाजवादी चिन्तक रघु ठाकुर, वरिष्ठ संपादक प्रो. कमल दीक्षित, सप्रे संग्रहालय के संस्थापक विजयदत्त श्रीधर, मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के पूर्व निदेशक डॉ. उमेश कुमार सिंह, व्यंग्यकार श्री गिरीश पंकज, संपादक कमलनयन पाण्डेय, मीडिया आचार्य प्रो. संजय द्विवेदी, डॉ. बीके रीना और साहित्यकार पूनम माटिया उपस्थित रहे।
इस अवसर पर समाजवादी विचारक एवं लेखक रघु ठाकुर ने कहा कि एक सच्चा राष्ट्रवाद वही होगा जो सच्चा विश्ववादी होगा। अगर सभी देश अपनी सीमाओं को छोड़ने के लिए तैयार हो जाए तभी असली राष्ट्रवाद की नींव रखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि मीडिया और राष्ट्रवाद के बीच संघर्ष की स्थिति नहीं होनी चाहिए। वहीं, प्रख्यात साहित्यकार एवं व्यंग्यकार गिरीश पंकज ने पुस्तक के संबंध में कहा कि आज भारत माता की जय बोलने पर और राष्ट्रवादी शब्द का प्रयोग करने पर लोग घूरने लगते हैं। ये लोग अविलम्ब आपको दक्षिणपंथी बोल देंगे और सर्टिफिकेट दे देंगे। ऐसे समय में जब सब ओर राष्ट्रवाद की चर्चा है और कुछ मीडिया घरानों पर भी राष्ट्रवादी होने के ठप्पे लगाये जा रहे हैं, तब इस पुस्तक का प्रकाशित होकर आना अत्यधिक प्रासंगिक हो जाता है।
मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के पूर्व निदेशक एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. उमेश कुमार सिंह ने कहा कि भारत एक सनातन राष्ट्र है। यहाँ दृष्टि रही है, दर्शन रहा है लेकिन कभी वाद नहीं रह है। उन्होंने कहा कि कोई एक वाद इस राष्ट्र का पर्याय नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद पाश्चात्य दृष्टि का शब्द है। उन्होंने कहा कि लेखकों ने पुस्तक में भारतीय राष्ट्रवाद को सही अर्थों में परिभाषित करने का प्रयास किया है। उन्होंने राष्ट्रवाद की जगह ‘राष्ट्रत्व’ या ‘राष्ट्रीय विचार’ शब्द का उपयोग करने पर जोर दिया है।
पुस्तक में वर्तमान परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रवाद, राष्ट्रवाद एवं मीडिया के सम्बन्ध, मीडिया की भूमिका जैसे विषयों पर मीडिया विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ स्तम्भकारों के महत्वपूर्ण आलेख इस पुस्तक में शामिल किये गए हैं। इस पुस्तक में प्रो. संजय द्विवेदी, संतोष कुमार पाण्डेय, डॉ. मयंक चतुर्वेदी, डॉ. शशि प्रकाश राय, डॉ. साधना श्रीवास्तव, डॉ. मंजरी शुक्ला, डॉ. मनोज कुमार तिवारी, डॉ. मीता उज्जैन, डॉ. सीमा वर्मा, उमेश चतुर्वेदी, अमरेंद्र आर्य, अनिल पांडेय आदि के लेख शामिल हैं। यश प्रकाशन, नईदिल्ली ने पुस्तक का प्रकाशन किया है।
मेरे प्रेरणास्रोत: स्वामी विवेकानंद
![मेरे प्रेरणास्रोत: स्वामी विवेकानंद](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhkWVMNwiQa_-Z-YASw0sJm3fqpb09w2IvfV3G4vceU-yDPEetYFzSOq7jozpktbNhYEvmgofvNAeNODC_qIpNZmn_bIqf0SDkizp-mwUMwLTaujRs2GeqEIs16RECtq7chVXhtP6mLEBk/s254/SwamiMain.jpg)
गिरकर उठना, उठकर चलना... यह क्रम है संसार का... कर्मवीर को फ़र्क़ न पड़ता किसी जीत और हार का... क्योंकि संघर्षों में पला-बढ़ा... संघर्ष ही मेरा जीवन...
-डॉ. सौरभ मालवीय
डॉ. सौरभ मालवीय
![डॉ. सौरभ मालवीय](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEghvjhFQCGX8frS2-pFfn6K8x9uUd12m88UMT9QT0yA_OVk5agHRS147_t3nyBw2x3cxUcSy99q3z4zui95zOpB_NFDF2lYxd9EhUZdq1H4E_vYxpA-W1TSSrHSE8tx-j19k0TEEC52G5o/s211/pic.jpg)
अपनी बात
सामाजिक परिवर्तन और राष्ट्र-निर्माण की तीव्र आकांक्षा के कारण छात्र जीवन से ही सामाजिक सक्रियता. बिना दर्शन के ही मैं चाणक्य और डॉ हेडगेवार से प्रभावित हूं. समाज और राष्ट्र को समझने के लिए "सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और मीडिया" विषय पर शोध पूर्ण किया है, परंतु सृष्टि रहस्यों के प्रति मेरी आकांक्षा प्रारंभ से ही है.
संप्रति
डॊ. सौरभ मालवीय
सहायक प्राध्यापक
माखनलाल चतुर्वेदी
राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय
नोएडा परिसर
मो. +8750820740
ईमेल :
malviya.sourabh@gmail.com
drsourabhmalviya@gmail.com
विषय
- Dr. Sourabh Malviya
- अन्य लेखक
- आधी आबादी
- उत्तर प्रदेश चुनाव 2022- योगी आदित्यनाथ
- एकात्म मानवदर्शन
- काव्य
- जीवन मूल्य
- डॉ. सौरभ मालवीय
- पर्व
- पुरस्कार
- भारतीय जनता पार्टी
- भाषा
- मार्क्सवादी कमुनिस्ट पार्टी
- मीडिया
- राष्ट्र चिंतन
- राष्ट्रवाद
- राष्ट्रवादी पत्रकारिता के शिखर पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
- विचार दर्शन
- विविध
- व्याख्यान
- शख़्सियत
- समाज
- सम्मान
- संस्कृति
- सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
- साहित्य
- स्वास्थ्य
- हिन्दू संस्कृति पर माओवादी हमला
मेरे बलॊग
-
-
भारतीय पत्रकारिता का पिंड है राष्ट्रवाद, फिर इससे गुरेज क्यों? - *सौरभ मालवीय ने कहा अटल बिहारी वाजपेयी जन्मजात वक्ता थे, जन्मजात कवि हृदय थे, पत्रकार थे, प्रखर राष्ट्रवादी थे. उनके बारे में कहा जाता था कि यदि वह पाकिस्...
जिन्हें पढ़ता हूं
-
प्रतिबंध मुक्त संघ एक नयी किरण का आगाज - -ललित गर्ग- केंद्र की राजग सरकार ने एक महत्वपूर्ण एवं साहसिक आदेश के जरिये सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की गतिविधियों में शामिल होने पर ल...3 days ago
-
Read harcourt 3rd grade math Best Books of the Month PDF - *Download Kindle Editon harcourt 3rd grade math Download Now PDF* Read harcourt 3rd grade math Audio CD Open Library Rеаd thrоugh Frее Bооkѕ Onlіnе і...4 years ago
-
केरल आपदा के बीच कायम हुई एकता की मिसाल : के. जे. अल्फोंस - *केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री के. जे. अल्फोंस कुशल प्रशासक के तौर पर सुविख्यात हैं। केरल कैडर से 1979 बैच के आईएएस अधिकारी रहे श...5 years ago
संघ विचार परिवार
अपनी भाषा चुनें
लोक दृष्टि
-
पर्यावरण समस्या और समाधान -डॉ. सौरभ मालवीय भारत सहित विश्व के अधिकांश देश पर्यावरण संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं । ग्रीष्मकाल में भयंकर...
-
डॊ. सौरभ मालवीय वैदिक काल से ही भारतीय संस्कृति में गाय का विशेष महत्व है. दुख की बात है कि भारतीय संस्कृति में जिस गाय को पूजनीय कहा गय...
-
गंगा शब्द का अर्थ तीव्रगामनी होता है लेकिन भारत में इस शब्द का अर्थ एक पवित्र नदी के रूप में है। इसका अर्थ पुरूषार्थ चतुष्टय की प्राप्ति...
-
नमस्कार। जैसा कि आपको विदित होगा गत वर्ष अक्टूबर महीने में मैंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, ...
-
डॉ. सौरभ मालवीय की पुस्तक ‘भारतीय राजनीति के महानायक : नरेन्द्र मोदी’ का लोकार्पण किया। लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हृदय ना...
-
लालकृष्ण आडवाणी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अवधारणा का सहज स्वरूप हिन्दुत्व बन गया है। हिन्दुत्व केवल अयोध्या में मंदिर नहीं है, यह तो ह...
-
जनसाधारण को समर्पित है भाजपा का संकल्प पत्र -डॉ. सौरभ मालवीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने व्यक्तित्व एवं कृत्तिव से भारतीय रा...
-
लाल जी टंडन अटल बिहारी वाजपेयी का व्यक्तित्व किसी एक दिशा में नहीं देखा जा सकता। वे एक राजनीतिज्ञ, संसदीय परंपराओं के ज्ञाता, लोकमर्यादा...
-
हमें अपनी जड़ों की ओर लौट ना होगा - डॉ . सौरभ मालवीय हमारी प्राचीन भारतीय सभ्यता विश्व की सर्वाधिक गौरवशाली एवं समृद्ध सभ्यताओं में ए...
-
डॉ. महेशचन्द्र शर्मा भारत विभाजन की दुर्घटना तो 1947 में हुई लेकिन इस दुर्घटना के मूल में तथाकथित हिन्दू-मुस्लिम द्वैत है। हिन्दू ...