भारतीय शिक्षा पद्धती विश्व में सबसे अग्रणी रही है। शोध परक शिक्षा भारत का स्वभाव है। नवाचार में भारत की शिक्षा प्रणाली का पुरी दुनियां में स्थान रहा है। भारत ने शून्य की खोज की अंक गणित, ज्योतिष, ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय विद्वानों का बहुत योगदान रहा है। उक्त बातें विद्या भारती की अखिल भारतीय शोध प्रमुख डॉक्टर नंदिनी ने कही।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सामाजिक समस्याओं और उसके प्रभाव का अध्ययन की आवश्यकता है. इन समस्याओं को अध्ययन के लिए क्रिया शोध विधि अपनाने के लिए जोर दिया. हम एक समस्या को सबसे पहले समझे तत्पश्चात छात्र और अभिभावक पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करे और निदान पर विचार करें. उन्होंने देश के सामाजिक संरचना को ध्यान में रखते हुए तुलनात्मक अध्ययन पर भी बल दिया. इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रदेश भर से आये विद्या भारती के आचार्य के बीच वैज्ञानिक पद्धति और वस्तुनिष्ठ आयाम से शोध को गतिशीलता और प्रमाणिकता को बनाये रखना है.
विद्या भारती द्वारा आयोजित क्षेत्रीय क्रियाशोध कार्यशाला में क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचंद्र तथा क्षेत्रीय मंत्री डॉ. सौरभ मालवीय का उदबोधन हुआ।
कुल 40 विषय विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया।




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