- आप मित्र बदल सकते हैं, पर पड़ोसी नहीं.
- नेपाल हमारा पड़ोसी देश है. दुनिया के कोई देश इतने निकट नहीं हो सकते, जितने भारत और नेपाल हैं.
- जो लोग हमें यह पूछते हैं कि हम कब पाकिस्तान के साथ वार्ता करेंगे, वे शायद इस तथ्य से वाकिफ नहीं हैं कि पिछले वर्षों में पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए हर बार पहल भारत ने ही किया है.
- भारत में भारी जन भावना थी कि पाकिस्तान के साथ तब तक कोई सार्थक बातचीत नहीं हो सकती जब तक कि वह आतंकवाद का प्रयोग अपनी विदेशी नीति के एक साधन के रूप में करना नहीं छोड़ देता.
- सबके साथ दोस्ती करें, लेकिन राष्ट्र की शक्ति पर विश्वास रखें. राष्ट्र का हित इसी में है कि हम आर्थिक दृष्टि से सबल हों, सैन्य दृष्टि से स्वावलम्बी हों.
- पाकिस्तान कश्मीर, कश्मीरियों के लिए नहीं चाहता. वह कश्मीर चाहता है पाकिस्तान के लिए. वह कश्मीरियों को बलि का बकरा बनाना चाहता है.
- मैं पाकिस्तान से दोस्ती करने के खिलाफ नहीं हूं. सारा देश पाकिस्तान से संबंधों को सुधारना चाहता है, लेकिन जब तक कश्मीर पर पाकिस्तान का दावा कायम है, तब तक शांति नहीं हो सकती.
- पाकिस्तान हमें बार-बार उलझन में डाल रहा है, पर वह स्वयं उलझ जाता है. वह भारत के किरीट कश्मीर की ओर वक्र दृष्टि लगाए है. कश्मीर भारत का अंग है और रहेगा. हमें पाकिस्तान से साफ-साफ कह देना चाहिए कि वह कश्मीर को हथियाने का इरादा छोड़ दे.
- हम एक विश्व के आदर्शों की प्राप्ति और मानव के कल्याण तथा उसकी कीर्ति के लिए त्याग और बलिदान की बेला में कभी पीछे पग नहीं हटाएंगे.
- कौन हमारे साथ है? कौन हमारा मित्र है? इस विदेश नीति ने हमको मित्रविहीन बना दिया है. यह विदेश नीति राष्ट्रीय हितों का संरक्षण करने में विफल रही है. इस विदेश नीति पर पुनर्विचार होना चाहिए. कल्पना के लोक से उतरकर हम अपनी विदेश नीति का निर्धारण करें.
- इस संसार में यदि स्वाधीनता की, अखंडता की रक्षा करनी है, तो शक्ति के और शस्त्रों के बल पर होगी, हवाई सिद्धांतों के जरिए नहीं.
- आज परस्पर वैश्विक निर्भरता का मतलब है कि विकासशील देशों में आर्थिक आपदायें, विकसित देशों पर एक प्रतिक्षेप पैदा कर सकता है.
- किसी भी देश को खुले आम आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक गठबंधन के साथ साझेदारी, सहायता, उकसाना और आतंकवाद प्रायोजित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
- पहले एक दृढ विश्वास था कि संयुक्त राष्ट्र अपने घटक राज्यों की कुल शक्ति की तुलना में अधिक मजबूत होगा.
- वास्तविकता यह है कि संयुक्त राष्ट्र जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी केवल उतनी ही प्रभावी हो सकती है, जितनी उसके सदस्यों की अनुमति है.
- वैश्विक स्तर पर आज परस्पर निर्भरता का मतलब विकासशील देशों में आर्थिक आपदाओं का विकसित देशों पर प्रतिघात करना होगा.
- शीत युद्ध के बाद अब एक गलत धारणा यह बन गई है कि संयुक्त राष्ट्र कहीं भी कोई भी समस्या का समाधान कर सकता है.
- संयुक्त राष्ट्र की अद्वितीय वैधता इस सार्वभौमिक धारणा में निहित है कि वह किसी विशेष देश या देशों के समूह के हितों की तुलना में एक बड़े उद्देश्य के लिए काम करता है.
- हम मानते हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका और शेष अंतर्राष्ट्रीय समुदाये पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को हमेशा के लिए खत्म करने का दबाव बना सकते हैं.
- हमारे परमाणु हथियार विशुद्ध रूप से किसी विरोधी के परमाणु हमले को हतोत्साहित करने के लिए हैं.
- एटम बम का जवाब क्या है? एटम बम का जवाब एटम बम है और कोई जवाब नहीं.
- हमें विश्वास है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और बाकी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के भारत के विरुद्ध सीमा पार आतंकवाद को स्थायी और पारदर्शी रूप से खत्म कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा सकते हैं.
- हम उम्मीद करते हैं कि विश्व प्रबुद्ध स्वार्थ की भावना से काम करेगा.
- किसी भी देश को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक साझदारी का हिस्सा होने का ढोंग नहीं करना चाहिए , जबकि वह आतंकवाद को बढ़ाने, उकसाने, और प्रायोजित करने में लगा हुआ हो.
- आज वैश्विक निर्भरता का अर्थ यह है कि विकासशील देशों में आई आर्थिक आपदाएं विकसित देशों में संकट ला सकती हैं.
- राज्य को, व्यक्तिगत सम्पत्ति को जब चाहे तब जब्त कर लेने का अधिकार देना एक खतरनाक चीज होगी.
- संयुक्त राष्ट्र की सफलता के लिए यह आवश्यक है कि वह समरत मानवता का सबल स्वर बन सके और देशों के बीच एक-दूसरे पर अवलम्बित सामूहिक सहयोग का गतिशील माध्यम बन सके.
- कोई इस बात से इंकार नहीं कर सकता है कि देश मूल्यों के संकट में फंसा है.
- इस देश में पुरुषार्थी नवजवानों की कमी नहीं है, लेकिन उनमें से कोई कार बनाने का कारखाना नहीं खोल सकता, क्योंकि किसी को प्रधानमंत्री के घर में जन्म लेने का सौभाग्य नहीं प्राप्त है.
- यदि भारत को बहुराष्ट्रीय राज्य के रूप में वर्णित करने की प्रवृत्ति को समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया, तो भारत के अनेक टुकड़ों में बंट जानै का खतरा पैदा हो जाएगा.
- इतिहास में हुई भूल के लिए आज किसी से बदला लेने का समय नहीं है, लेकिन उस भूल को ठीक करने का सवाल है.
- एटम बम का जवाब क्या है? एटम बम का जवाब एटम बम है और कोई जवाब नहीं.
- भारत की सुरक्षा की अवधारणा सैनिक शक्ति नहीं है. भारत अनुभव करता है सुरक्षा आंतरिक शक्ति से आती है.
- अगर हम देशभक्त न होते और अगर हम निःस्वार्थ भाव से राजनीति में अपना स्थान बनाने का प्रयास न करते और हमारे इन प्रयासों के साथ इतने साल की साधना न होती तो हम यहां तक न पहुंचते.
- सेना के उन जवानों का अभिनन्दन होना चाहिए, जिन्होंने अपने रक्त से विजय की गाथा लिखी. विजय का सर्वाधिक श्रेय अगर किसी को दिया जा सकता है, तो हमारे बहादुर जवानों को और उनके कुशल सेनापतियों को. अभी मुझे ऐसा सैनिक मिलना बाकी है, जिसकी पीठ में गोली का निशान हो. जितने भी गोली के निशान हैं, सब निशान सामने लगे हैं. अगर अपनी सेनाओं या रेजिमेंटों के नाम हमें रखने हैं, तो राजपूत रेजिमेंट के स्थान पर राणा प्रताप रेजिमेंट रखें, मराठा रेजिमेंट के स्थान पर शिवाजी रेजिमेंट और ताना रेजिमेंट रखे, सिख रेजिमेंट की जगह रणजीत सिंह रेजिमेंट रखें.
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Thursday, August 9, 2018
विदेश नीति : अटल बिहारी वाजपेयी के अनमोल विचार
मेरे प्रेरणास्रोत: स्वामी विवेकानंद

गिरकर उठना, उठकर चलना... यह क्रम है संसार का... कर्मवीर को फ़र्क़ न पड़ता किसी जीत और हार का... क्योंकि संघर्षों में पला-बढ़ा... संघर्ष ही मेरा जीवन है...
-डॉ. सौरभ मालवीय
डॉ. सौरभ मालवीय
अपनी बात
सामाजिक परिवर्तन और राष्ट्र-निर्माण की तीव्र आकांक्षा के कारण छात्र जीवन से ही सामाजिक सक्रियता। बिना दर्शन के ही मैं चाणक्य और डॉ. हेडगेवार से प्रभावित हूं। समाज और राष्ट्र को समझने के लिए "सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और मीडिया" विषय पर शोध पूर्ण किया है, परंतु सृष्टि रहस्यों के प्रति मेरी आकांक्षा प्रारंभ से ही है।
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पत्रकारिता पर यह एक समग्र पुस्तक है। पत्रकारिता के क्षेत्र क़ी अनुपम कृति है. प्रवाहमयी शैली में लिखित यह पुस्तक पाठक के दिल - दिमाग़ में घर...
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संस्कृति पुनरूत्थान समिति व राष्ट्रधर्म प्रकाशन लि. के तत्वावधान में "पहलगाम में आतंकी हमला और वैश्विक दृष्टि" विषय पर एक विचार ...
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ऑपरेशन सिंदूर अल्प विराम है, पूर्ण विराम तब होगा ज़ब आतंकवाद समूल खत्म होगा. मजबूत सरकार मोदी सरकार.
संप्रति
डॉ. सौरभ मालवीय
2/564, अवधपुरी खण्ड 2
खरगापुर, निकट प्राथमिक विद्यालय, गोमतीनगर विस्तार
2/564, अवधपुरी खण्ड 2
खरगापुर, निकट प्राथमिक विद्यालय, गोमतीनगर विस्तार
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
पिन- 226010
मो- 8750820740
पिन- 226010
मो- 8750820740
ईमेल - malviya.sourabh@gmail.com
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डॉ. सौरभ मालवीय
एसोसिएट प्रोफेसर
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग
लखनऊ विश्वविद्यालय
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
मो- 8750820740
ईमेल - malviya.sourabh@gmail.com
जिन्हें पढ़ता हूं
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सांस की कीमत पूछी गई - साँस-साँस को मोहताज किया,जीवन को नीलाम किया।मासूम थी, बस एक साल की,फिर भी व्यवस्था ने इनकार किया। “वेंटिलेटर चाहिए?” — पूछा गया,“सिफ़ारिश है?” — तौल कर क...2 hours ago
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नमो-नमो.....आंखों ने जो देखा ! - अपन गांधी, लोहिया और दीनदयाल उपाध्याय को आदर्श राजनेता मानकर राजनीति में सक्रिय हैं। सादगी, शुचिता, विनम्रता, अध्ययनशीलता...ये सब गुण ऐसे हैं, जो ज्यादा आ...11 years ago
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