Sunday, June 13, 2021

भारत बोध



"दरअसल भारत का राष्ट्र जीवन सत्यकामी है। उसने पाया कि मनुष्य एक रहस्य है। तमाम आधुनिक वैज्ञानिक खोजों और विचार तथा दर्शन की हजारों व्याख्याओं के बावजूद मनुष्य एक पहेली है। एक अचरज है। एक अचंभा है। भारत सत्य का सनातन खोजी बना। सत्य की खोज भारत का स्वभाव बना। इसलिए भारत सिर्फ एक भूखंड ही नहीं है। यह सिर्फ एक संप्रभु राज्य भी नहीं है। भारत समूची सृष्टि के रहस्यों को जान लेने की सनातन अभीप्सा है।"
भारत के बारे में इतनी गूढ़ किन्तु सरल व्याख्या करने वाले माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ सौरभ मालवीय जी से मिलकर बातें करते समय वो जितने ही सहज महसूस होते हैं, उनकी लिखी हुई पुस्तकों को पढ़ते समय उतनी ही गंभीरता महसूस होती है। 

डॉ. सौरभ जी की लिखित नई पुस्तक 'भारत बोध' का अध्ययन कर रहा था। संस्कृति,संस्कार,राष्ट्र-बोध, भारतीयता, एकात्म मानव दर्शन, उत्सव-पर्व, मीडिया,साहित्य और समाज जैसे अनेक विषयों को समाहित करने वाली यह पुस्तक सचमुच भारत का बोध कराती है।

यश पब्लिकेशंस दिल्ली से प्रकाशित इस पुस्तक का मूल्य 220 रुपये है। 
आप सभी खरीद कर पढ़ें, हालांकि मुझे यह स्नेह आशीष स्वरूप मिली है।
-राकेश त्रिपाठी 

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भारत की राष्‍ट्रीयता हिंदुत्‍व है