Monday, March 4, 2024
भारतीय राजनीति के महानायक नरेन्द्र मोदी
पुस्तक भेट
वरिष्ठ पत्रकार श्री मिहिर जी एवं चर्चित एंकर नैना यादव जी
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पुस्तक - भारतीय राजनीति के महानायक नरेन्द्र मोदी
प्रकाशक - मानसी पब्लिकेशन - नई दिल्ली
लेखक - डॉ. सौरभ मालवीय
Sunday, March 3, 2024
Saturday, March 2, 2024
भारतीय राजनीति के महानायक नरेन्द्र मोदी
पुस्तक - भारतीय राजनीति के महानायक नरेन्द्र मोदी
लेखक - डॉ. सौरभ मालवीय
Friday, March 1, 2024
सौरभ मालवीय की पुस्तक चर्चा में
मीडिया गुरु के नाम से विख्यात डॉ. सौरभ मालवीय की नई पुस्तक ‘भारतीय राजनीति के महानायक : नरेन्द्र मोदी’ इन दिनों खूब चर्चा में है। इसे दिल्ली के मानसी पब्लिकेशन्स ने प्रकाशित किया है। इस चर्चा का एक कारण यह भी है कि यह ऐसे समय में आई है, जब लोकसभा चुनाव सिर पर हैं। पूर्व की भांति यह चुनाव भी श्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ही लड़ा जाना तय है। इस पुस्तक में श्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व के साथ साथ उनके कृतित्व पर भी प्रकाश डाला गया है।
लेखक डॉ. सौरभ मालवीय का कहना है कि यह पुस्तक प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विराट व्यक्तित्व से परिचय करवाती है। उनके व्यक्तित्व की भांति उनके कार्य भी बहुत ही महान हैं। वह भारत की गौरवशाली प्राचीन संस्कृति के संवाहक हैं। उनके कृतित्व में भारतीय संस्कृति के दर्शन होते हैं। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में उनकी भूमिका अत्यंत प्रशंसनीय एवं सराहनीय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ही देश की पौराणिक नगरी अयोध्या में भूमि पूजन कर चांदी की ईंट और चांदी के फावड़े से ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ निर्माण की आधारशिला रखी थी। जिस समय वह मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे थे उस समय देश के करोड़ों लोग अपने घरों में टेलीविजन पर उन्हें देख रहे थे। वे इस स्वर्णिम क्षणों के साक्षी बने थे। यह पुस्तक समकालीन भारत का एक ऐतिहासिक प्रमाण है, जो भविष्य में लोगों को उनके व्यक्तित्व एवं केंद्र सरकार की योजनाओं और श्री नरेन्द्र मोदी जी के व्यक्तित्व से परिचित कराएगी।
इससे पूर्व भी डॉ. सौरभ मालवीय की पांच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें राष्ट्रवादी पत्रकारिता के शिखर पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी, विकास के पथ पर भारत, राष्ट्रवाद और मीडिया, भारत बोध तथा अंत्योदय को साकार करता उत्तर प्रदेश सम्मिलित हैं। वह देशभर के समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं के लिए लेखन करते हैं। वह खबरिया चैनलों पर भी समसामयिक व ज्वलंत विषयों में अपने विचार रखते हुए देखे जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त वह विभिन्न कार्यक्रमों एवं गोष्ठियों में वक्ता के में रूप में बोलते हुए दिखाई देते हैं।
डॉ. सौरभ मालवीय हिन्दी पत्रकारिता के सुपरिचित हस्ताक्षर हैं। वह राष्ट्रवादी विचारों के प्रहरी हैं। उनकी लेखनी धर्म, संस्कृति, समाज, पर्यावरण, राष्ट्रबोध एवं मानवदर्शन से ओतप्रोत है। वह ईश्वर में गहरी आस्था रखते हैं, इसलिए वह अपनी प्रत्येक पुस्तक इष्टदेव के चरणों में अर्पित करते हैं। उनका कहना है कि भारत भूमि देवताओं की भूमि है। इसके कण-कण में भक्ति है। फिर वह भक्तिभाव से अछूते कैसे रह सकते हैं।
Sunday, December 10, 2023
हमारे प्रेरणास्रोत सौरभ मालवीय
पत्रकारिता अगर ठीक से सीखी नहीं जाएगी तो प्रेषित नहीं की जा सकती है, और सीखने के लिए अच्छे शिक्षक का होना ज़रूरी है… ऐसे ही शिक्षक हैं हमारे प्रेरणास्रोत सौरभ मालवीय सर
लखनऊ विवि के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर बनने पर सर को बहुत बधाई
बता दें कि डॉ. सौरभ मालवीय 'राष्ट्रवादी पत्रकारिता के शिखर पुरुष अटल बिहारी बाजपेयी' और ‘भारत बोध’ किताब भी लिख चुके हैं। पत्रकारिता विधा में उनके रचना कौशल के लिए डॉ. सौरभ मालवीय को पंडित प्रताप नारायण मिश्र साहित्यकार सम्मान समेत तमाम अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि डॉ.मालवीय पूर्व में वाजपेयी सरकार में बीजेपी मीडिया सेल से जुड़े थे और वर्ष 2010 तक मीडिया सेल में समन्वयक के रूप में खासे लोकप्रिय रहे। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर पीएचडी करने वाले सौरभ मालवीय ने राष्ट्रवादी लेखक और वक्ता के नाते अपनी खास पहचान बनाई है। डॉ. सौरभ टीवी डिबेट में शामिल होते रहते हैं। कुछ समय तक वह ‘माखनलाल यूनिवर्सिटी’ के नोएडा कैंपस में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
-शिवेंद्र सिंह बेघल
Thursday, December 7, 2023
एसोसिएट प्रोफेसर बने डॉ.सौरभ मालवीय
प्रभु श्री सीतारामजी की कृपा से बड़े भाई की भूमिका में सतत मेरा मार्गदर्शन कर बेहतर करने हेतु प्रेरित करने वाले डॉ. सौरभ मालवीय जी की लखनऊ विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफ़ेसर के रूप में नियुक्ति मेरे लिए किसी निजी उपलब्धि से कम नहीं है।
'जिमि सरिता सागर महुं जाही।
जद्यपि ताहि कामना नाहीं।।
तिमि सुख संपति बिनहिं बोलाएं।
धरमसील पहिं जाहिं सुभाएं।।'
भावार्थ: जैसे नदियां बहती हुई सागर की ओर ही जाती हैं, जबकि समुद्र को उसके जल की कामना नहीं होती। वैसे ही, यश (सुख-संपत्ति) भी बिना कामना के धर्मशील (विचारवान) लोगों के पास जाकर स्वयं सुशोभित होते हैं। (मानस बालकांड)
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लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर बने डॉ. सौरभ मालवीय
लखनऊ विश्वविद्यालय ने लोकप्रिय मीडिया शिक्षक एवं राजनीतिक विश्लेषक डॉ. सौरभ मालवीय को पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर (सह आचार्य) के पद पर नियुक्त किया है। उन्होंने गुरुवार को विश्विद्यालय में अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
डॉ.सौरभ मालवीय इससे पहले माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत थे। डॉ. मालवीय को लखनऊ विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर चुने जाने पर माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में उनके लिए विदाई समारोह आयोजित किया गया था। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) के.जी सुरेश और कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने एक कार्यक्रम में डॉ. सौरभ मालवीय को स्मृति चिह्न भेंट किया और संस्थान में उनके साथ बिताए तमाम सुखद स्मृतियों को साझा किया।
विदित हो कि डॉ. सौरभ मालवीय ने अपनी लिखित पुस्तक 'राष्ट्रवादी पत्रकारिता के शिखर पुरुष अटल बिहारी बाजपेयी' और ‘भारत बोध’ के माध्यम से लेखन क्षेत्र में भी ख्याति अर्जित किया है। पत्रकारिता विधा में उनके रचना कौशल के लिए डॉ. मालवीय को पं. प्रताप नारायण मिश्र साहित्यकार सम्मान समेत तमाम अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि डॉ.मालवीय पूर्व में वाजपेयी सरकार में बीजेपी मीडिया सेल से जुड़े थे और वर्ष 2010 तक मीडिया सेल में समन्वयक के रूप में खासे लोकप्रिय रहे। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर पीएचडी करने वाले श्री मालवीय, राष्ट्रवादी लेखक और वक्ता के रूप में अपनी खास पहचान बनाई है। डॉ. सौरभ तमाम टीवी चैनलों पर डिबेट में शामिल होते रहते हैं तथा सरकार के नीतियों व कार्यों पर अपना विचार प्रकट करते हैं।
शिवेश प्रताप
मेरे प्रेरणास्रोत: स्वामी विवेकानंद

डॉ. सौरभ मालवीय
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हिंदी पत्रकारिता के द्विशताब्दी प्रसंग पर केंद्रित 'मीडिया विमर्श' के इस अंक में मेरा लेख आपके अवलोकनार्थ प्रस्तुत है।
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मो- 8750820740
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