Wednesday, December 24, 2025

सरकार की स्पष्ट नीति के सकारात्मक परिणाम


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए स्पष्ट नीति बनाकर दृढ़ इच्छाशक्ति से लागू किया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। इस नीति के चारों आयामों पर कार्य किया गया है। विगत साढ़े आठ वर्षों में राज्य सरकार द्वारा किए गये प्रयासों से उत्तर प्रदेश ने विकास के नये प्रतिमान स्थापित किए हैं।

मुख्यमंत्री 24 दिसम्बर 2025 को लखनऊ के विधान सभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तुत अनुपूरक बजट पर चर्चा के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विधान मंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान सदस्यों ने प्रश्नकाल तथा अन्य नियमों के अन्तर्गत आम जनमानस के हित तथा प्रदेश के विकास से सम्बन्धित मुद्दों पर सारगर्भित चर्चा की है। सदस्यों द्वारा दिए गये सुझावों पर सरकार गम्भीरता से विचार करती है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति, समाज और संस्था के लिए सुरक्षा पहली प्राथमिकता होती है। सरकार ने जीरो टॉलरेन्स की नीति पर चलकर दुर्दान्त अपराधियों को समाप्त किया है। प्रदेश में सुरक्षा का बेहतरीन वातावरण और कानून का राज स्थापित हुआ है। प्रत्येक व्यक्ति के मन में सुरक्षा का भाव उत्पन्न हुआ है। प्रदेश को बड़ी मात्रा में निवेश की प्राप्ति हो रही है। प्रत्येक बेटी व व्यापारी स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इन प्राथमिकताओं को लेकर जब कोई सरकार कार्य करती है, तो उसके अच्छे परिणाम हम सबके सामने आते हैं।

उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के बारे में लोगों का परसेप्शन बदला है। प्रदेश से बाहर के लोग यहां के नागरिकों को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश के बारे में ला लोगों के मन में नकारात्मक धारणा थी। सरकारी भूमि गरीब के लिए होनी चाहिए, यदि कोई व्यक्ति किसी सरकारी जमीन, स्मारक या पौराणिक स्थल पर अवैध कब्जा करेगा, तो उसे इसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि यदि आबादी की भूमि पर किसी गरीब का मकान बना है, तो अभिलेख में उस परिवार की महिला सदस्य का नाम दर्ज हुआ है। मालिकाना अधिकार प्राप्त होने से महिला बैंक से ऋण भी प्राप्त कर सकती है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश की सड़कें गड्ढ़ायुक्त थीं। रेलवे की नेटवर्किंग के लिए राज्य व केंद्र सरकार के बीच समन्वय का अभाव था। प्रदेश की अवसंरचना अस्त-व्यस्त थी। वर्तमान में प्रदेश में विश्वस्तरीय अवसंरचना का निर्माण हुआ है। आज प्रदेश में 22 एक्सप्रेस-वे संचालित हैं, जो देश के कुल एक्सप्रेस-वे का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा है। प्रदेश में रेलवे का 16 हजार किलोमीटर का नेटवर्क है, जो देश में सर्वाधिक है। प्रदेश में  4-लेन इंटरस्टेट कनेक्विटी है। देश में सबसे अधिक मेट्रो ट्रेन तथा एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश में हैं। प्रदेश में संचालित कुल 16 एयरपोर्ट में चार इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं। पांचवां इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में अगले महीने संचालित होने जा रहा है। 
उन्होंने कहा कि देश की पहली रैपिड रेल तथा वॉटर-वे उत्तर प्रदेश में संचालित है। वर्तमान में प्रयागराज से हल्दिया तक संचालित वॉटर-वे को बलिया से अयोध्या तक विस्तारित करने की योजना है। यह सभी कार्य सरकार की इच्छाशक्ति से सम्भव हुए हैं। दुनिया भर में प्रदेश में हो रहे कार्यों की प्रशंसा हो रही है, जिससे सम्पूर्ण प्रदेशवासी गर्व की अनुभूति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूरी पारदर्शिता के साथ भर्तियां सम्पन्न हो रही हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार ने प्रत्येक स्तर पर तंत्र विकसित किया है। कल प्रदेश सरकार के पौने नौ वर्ष पूर्ण होंगे। इन वर्षों में प्रदेश के नौ लाख युवाओं को बिना किसी घूसखोरी के सरकारी नौकरियां प्राप्त हुई हैं। यह कार्य पहले कभी नहीं हुआ। अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस में 60,244 कार्मिकों की भर्ती सम्पन्न की गई है। प्रदेश में अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप होने से ही इतने बड़े पैमाने पर भर्ती पारदर्शी तरीके से सम्भव हो सकी। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में कुल तीन हजार पुलिस कार्मिकों की ट्रेनिंग क्षमता थी। किसी भी वर्दीधारी फोर्स के लिए अच्छी ट्रेनिंग अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है। 

उन्होंने कहा कि शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष के रूप में रिटायर्ड डीजीपी को नियुक्त किया गया है, ताकि नकल माफियाओं की कमर तोड़ी जा सके। राज्य में 96 लाख एमएसएमई इकाइयां हैं। इन इकाइयों के माध्यम से लगभग पौने दो करोड़ परिवार आजीविका प्राप्त कर रहे हैं तथा दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात किया जा रहा है। प्रदेश में सरकारी नौकरियों के साथ-साथ परम्परागत उद्यमों के क्षेत्र में भी युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। प्रदेश सरकार ने राज्य के विभिन्न जनपदों से सम्बन्धित विशेष उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें तकनीक, पैकेजिंग, ब्रांडिंग तथा अन्य सुविधाओं से जोड़ा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में हुई यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के माध्यम से लगभग 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव जमीनी धरातल पर उतारे जा चुके हैं। इसके माध्यम से 60 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ है। पांच लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव की ग्राउंड ब्रेकिंग की तैयारी है। यह नये भारत के नये उत्तर प्रदेश की पहचान है। अब प्रदेश के युवाओं को रोजगार के लिए देश-दुनिया में भटकने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उन्हें स्थानीय रूप से रोजगार प्राप्त हो रहा है।

उन्होंने कहा कि लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण हो रहा है। यह डिफेन्स मैनुफैक्चरिंग कॉरिडोर का प्रोडक्ट है। यहां कार्य कर रहे सभी युवा प्रदेश के ही विभिन्न जनपदों से हैं। ब्रह्मोस तथा इससे जुड़ी एंकर यूनिटों में इनको रोजगार प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से जो धनराशि दी जाती है, उसमें कोई भेदभाव नहीं होता है। मुख्यमंत्री राहत कोष में नया संशोधन यह किया गया है कि जिनके पास पहले से ही आयुष्मान कार्ड हैं, वह इस कार्ड का पहले उपयोग करें। यदि पैसा कम पड़ जाता है, तो जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर हम मुख्यमंत्री राहत कोष से पैसा देंगे। कुछ हॉस्पिटल द्वारा गलत बिलिंग किए जाने की शिकायत मिली थी। हमने इस सम्बन्ध में कार्रवाई की। मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जाने वाली धनराशि में कोई रोक नहीं लगाई गयी है। हर गरीब के प्रति सरकार की संवेदना है। उत्तर प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 81 हो गई है। अमेठी में नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज में इस सत्र में क्लासेज शुरू हो गई हैं। प्रदेश सरकार बलिया में भी मेडिकल कॉलेज बनाने जा रही है।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार गरीबों को मकान अथवा राशन देने में भी कोई भेदभाव नहीं होता है। वर्ष 2011-12 में जो सूची बनी थी, उसमें अन्य पात्र लोगों के नाम जोड़कर उन्हें कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। हम चेहरा देख कर योजनाओं का लाभ नहीं देते हैं। प्रदेश सरकार राज्य की 25 करोड़ आबादी के कल्याण तथा उसकी सुरक्षा के लिए तत्पर है और बिना किसी भेदभाव के योजनाओं का लाभ उन्हें दे रही है।
उन्होंने कहा कि सभी विभागों की नियमित रूप से समीक्षा होती है। हर जनपद के वरिष्ठ जनप्रतिनिधिगण, सांसद या प्रभारी मंत्री प्रति माह बैठक लेते हैं, जिसमें योजनाओं को कैसे क्रियान्वित करना है, इसकी समीक्षा होती है। इसकी रिपोर्ट शासन में आती है, फिर उसे विभागीय स्तर पर कार्रवाई के लिए आगे बढ़ाया जाता है। पीडडब्ल्यूडी की बैठक की पूरी कार्य योजना उन्होंने स्वयं अगस्त और सितम्बर में स्थानीय विधायकगण के साथ बैठक करके बनाई। इसके अनुरूप हर विधानसभा क्षेत्र में डिमांड के अनुरूप चरणबद्ध रूप से धनराशि प्रेषित की जा रही है। कोई भी विधान सभा विकास से वंचित नहीं रहेगी।

उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट की आवश्यकता किसी नये मद या किसी नई योजना के लिए पड़ती है, जो हमारे नियमित बजट का हिस्सा नहीं होती है। इसीलिए सरकार ने अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया है। हमारा मूल बजट जिसे फरवरी माह में प्रस्तुत किया गया था, वह 08 लाख 08 हजार 736 करोड़ 06 लाख रुपये का था। अनुपूरक बजट 24,496 करोड़ 98 लाख रुपये का है। एक्सप्रेसवे, ऊर्जा, स्वास्थ्य, नगरीय सुविधाएं, तकनीकी शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रमों के लिए आवश्यक धनराशि के लिए अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया गया है। मूल बजट और अनुपूरक बजट को मिलाकर वर्ष 2025-26 के बजट का कुल आकार 08 लाख 33 हजार 233 करोड़ 04 लाख रुपये का हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने तय किया है कि विकास कार्य के लिए एक बार में 40 से 50 प्रतिशत धनराशि निर्गत की जाए। 75 प्रतिशत कार्य पूरा होने के उपरान्त तुरन्त डिमांड भेजें, जिससे शेष धनराशि रिलीज की जा सके, ताकि कार्य उसी गति से समय से पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमें परिणाम पर ध्यान देना होगा। आज हर व्यक्ति प्रदेश में निवेश करने का इच्छुक है। राज्य के बारे में लोगों की अच्छी धारणा बनी है। इसके पीछे प्रदेश में डबल इंजन सरकार की डबल स्पीड से हुए कार्यों की भूमिका है। 
लखनऊ: 24 दिसम्बर 2025

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