डॉ. सौरभ मालवीय
भारतीय स्वराज में उत्तर प्रदेश की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। 1857 की क्रांति से लेकर भारत छोड़ो आंदोलन तक उत्तर प्रदेश ने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई है। यहां के लोगों ने देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और अपने प्राणों की आहुति दी।
1857 की क्रांति
उत्तर प्रदेश भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उस समय उत्तर प्रदेश को संयुक्त प्रांत कहा जाता था। 10 मई, 1857 को मेरठ में ब्रिटिश सेना के भारतीय सैनिकों ने चर्बी लगे कारतूसों के प्रयोग के विरोध में विद्रोह किया। यह विद्रोह मेरठ से आरंभ होकर दिल्ली तक फैल गया, जहां विद्रोहियों ने मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर को अपना नेता घोषित किया। तदुपरांत यह विद्रोह कानपुर, लखनऊ, झांसी और अन्य नगरों से होता हुआ संपूर्ण देश में फैल गया। इस प्रकार 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम प्रारंभ हुआ। इस विद्रोह में उत्तर प्रदेश के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई लड़ी।
असहयोग आंदोलन
महात्मा गांधी के नेतृत्व में 1920-22 में हुए असहयोग आंदोलन में भी उत्तर प्रदेश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस आंदोलन में उत्तर प्रदेश के किसानों, श्रमिकों, व्यापारियों, अधिवक्ताओं और छात्रों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। उत्तर प्रदेश में जमकर प्रदर्शन हुए। लोगों ने ब्रिटिश वस्तुओं का बहिष्कार किया और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाया। ब्रिटिश शासन ने इसे कुचलने का प्रयास किया। 4 फरवरी, 1922 को गोरखपुर जिले के चौरी चौरा में हुई हिंसक घटना के कारण गांधीजी ने आंदोलन वापस ले लिया।
स्वराज के उद्देश्य को लेकर दिसम्बर 1922 में स्वराज पार्टी की स्थापना हुई, जिसमें उत्तर प्रदेश के नेताओं चित्तरंजन दास, नरसिंह चिंतामन केलकर और मोतीलाल नेहरू का महत्वपूर्ण योगदान रहा। स्वराज पार्टी ने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध विधानमंडलों में स्वर मुखर किया और स्वशासन की मांग की।
भारत छोड़ो आंदोलन
महात्मा गांधी द्वारा 8 अगस्त 1942 को प्रारंभ किए गये भारत छोड़ो आंदोलन में भी उत्तर प्रदेश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस आंदोलन में उत्तर प्रदेश भूमिगत कार्यकर्ताओं का केंद्र बन गया। लोगों ने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध जमकर प्रदर्शन किए। ब्रिटिश शासन द्वारा उन पर बहुत अत्याचार किए गए, परन्तु उन्होंने हार नहीं मानी और अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए विवश कर दिया।
राजनीति में अग्रणी
उत्तर प्रदेश ने देश को कई शीर्ष नेता दिए, जिन्होंने सुराज की नींव रखी। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और राजनाथ सिंह आदि राजनेताओं ने भारतीय लोकतंत्र और सुशासन को सुदृढ़ किया।
योगी आदित्य नाथ का सुराज
योगी आदित्य नाथ के मुख्यमंत्रित्व काल में उत्तर प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक के जीवन को सुखी एवं समृद्ध करने के सपने को साकार करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। भाजपा शासन की इस समयावधि में उत्तर प्रदेश ने लगभग सभी क्षेत्रों में सराहनीय उन्नति की है। कृषि, उद्योग, रोजगार, आवास, परिवहन, विद्युत्, पानी, शिक्षा, चिकित्सा, धर्म, संस्कृति, पर्यावरण एवं सुरक्षा व्यवस्था आदि क्षेत्रों में योगी सरकार ने प्रशंसनीय कार्य किए हैं। विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जा रही है। वृद्धजन, विधवा एवं दिव्यांगजन को पेंशन के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। अनाथ बच्चों के भरण-पोषण की भी व्यवस्था की गई है। जिन परिवारों में कोई कमाने वाला व्यक्ति नहीं है, सरकार उन्हें भी वित्तीय सहायता उपलब्ध करा रही है। निर्धन परिवार की लड़कियों एवं दिव्यांगजन के विवाह लिए अनुदान प्रदान किया जा रहा है। निराश्रित गौवंश के संरक्षण पर भी योगी सरकार विशेष ध्यान दे रही है। चुनाव के समय भाजपा ने अपने घोषणा-पत्र में जनता से जो वादे किए थे, योगी सरकार उन पर शत-प्रतिशत खरी उतरी है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि देश की स्वतंत्रता अनगिनत त्याग और बलिदान का परिणाम है। स्वाधीनता त्याग और बलिदान मांगती है। स्वाधीनता की यह लड़ाई राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के निर्णायक नेतृत्व के उपरान्त प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता का मतलब स्वच्छन्दता नहीं हो सकती। हम सभी बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के बनाए संविधान का सम्मान करते हुए उनके प्रति आदर का भाव रखते हुए संविधान के अनुरूप अपने राष्ट्रीय कर्तव्यों का पालन करें। भारत वर्ष 2047 में दुनिया की एक बड़ी ताकत होगा। विगत 11 वर्षों में भारत की विकास यात्रा का आत्मवलोकन करने का अवसर देशवासियों को प्राप्त हुआ है। 11 वर्ष पूर्व भारत दुनिया की ग्यारहवीं बड़ी अर्थव्यवस्था था। एक सुनियोजित प्रयास, व्यापक कार्ययोजना और टीम वर्क के परिणामस्वरूप आज भारत दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
उन्होंने कहा कि आगामी तीन माह में वर्ष 2047 तक के लिए उत्तर प्रदेश अपना विजन डॉक्युमेंट तैयार करेगा और विकसित भारत की तर्ज पर विकसित उत्तर प्रदेश के निर्माण हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व परम्परागत वस्तुओं तथा उत्पादों कीउपेक्षा की गई थी। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के क्लस्टर प्रदेश में मौजूद थे। आठ वर्ष पूर्व परम्परागत क्षेत्र से जुड़े हस्तशिल्पी व कारीगर पलायन कर रहे थे। उनमें निराशा तथा हताशा थी। वह छोटा-मोटा काम करके आजीविका चलाने के लिए मजबूर थे। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश ने अपने सामर्थ्य को पहचाना तथा ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना के माध्यम से हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध करवाया। उत्तर प्रदेश की यह योजना देश और दुनिया में धूम मचा रही है। इसने प्रदेश के डोमेस्टिक मार्कट तथा एक्सपोर्ट को दोगुना किया है।
उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ की संकल्पना को साकार कर हम देश को समृद्ध बना सकते हैं। ‘मेक इन इंडिया’ के अंतर्गत युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सुलभ होंगे। किसानों के चेहरे पर खुशी आएगी। हस्तशिल्पी और कारीगर समृद्धि के पथ पर अग्रसर होकर इनोवेशन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट के कार्यक्रम को आगे बढ़ा सकते
हैं। हमें तकनीक, डिजाइन और मार्केट की मांग के अनुरूप पैकेजिंग को तैयार करना होगा। आत्मनिर्भरता के इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें स्वदेशी वस्तुओं को ज्यादा से ज्यादा अपनाना होगा और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के साथ मिलकर कार्य करना होगा। हमें स्वदेशी को जीवन का मंत्र बनाकर चलना होगा। दुनिया का कोई भी देश तभी आगे बढ़ा है, जब उसने अपने कारीगरों, हस्तशिल्पियों तथा युवा शक्ति की ऊर्जा को पहचाना है। उनकी प्रतिभा को आगे बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें प्रोत्साहित किया है। देश व प्रदेश के युवाओं में यह सामर्थ्य है। प्रदेश सरकार ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना ने हस्तशिल्पियों व कारीगरों को नई प्रेरणा प्रदान करते हुए उन्हें एक प्लेटफार्म दिया है। उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है। इन सेक्टरों से जुड़े 16 प्रकार के हस्तशिल्पी और कारीगर चिन्हित किए गये हैं। समाज और मार्केट की मांग के अनुरूप इन हस्तशिल्पियों ने नये डिजाइन, नई टेक्नोलॉजी के साथ स्वयं को जोड़कर सामर्थ्य तथा स्वावलंबन का मॉडल प्रस्तुत किया है।
उन्होंने कहा कि अन्नदाता किसानों ने मिशन मिलेट के अन्तर्गत मोटे अनाजों के उत्पादन का कार्य परम्परागत रूप से पुनः प्रारम्भ किया है। उत्तर प्रदेश के 34 जनपद इस अभियान से जुड़कर तेजी से इस कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं। अन्नदाता किसान नेचुरल फार्मिंग के माध्यम से खेती की लागत कम करते हुए उत्पादन बढ़ा सकते हैं। इसके अन्तर्गत फर्टिलाइजर, केमिकल और पेस्टिसाइड का कम प्रयोग करना होगा। यदि नेचुरल फार्मिंग से अन्नदाता किसान खेती-बाड़ी करते हैं, तो यह किसानों की लागत को कम करेगा तथा उत्पादन क्षमता व आमदनी को कई गुना बढ़ाएगा।
उन्होंने कहा कि विगत आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने एक लंबी छलांग लगाई है। युवाओं, महिलाओं, अन्नदाता किसानों, श्रमिकों तथा समाज से जुड़े प्रत्येक तबके के उत्थान व कल्याण के लिए प्रदेश प्रत्येक सेक्टर में नये-नये कीर्तिमान स्थापित करने की दिशा में अग्रसर हुआ है। विगत आठ पूर्व प्रदेश के सामने पहचान का संकट था, यहां के युवा अपनी पहचान को छुपाते थे, लेकिन आज हमारा युवा अपनी पहचान को छुपाता नहीं है। देश और दुनिया ने प्रदेश के युवाओं की प्रतिभा का लोहा माना है।
नि:संदेह योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश प्रत्येक क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है।
(लेखक - लखनऊ विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष है)
skip to main |
skip to sidebar
Monday, September 22, 2025
भारतीय सुराज में उत्तर प्रदेश की भूमिका
मेरे प्रेरणास्रोत: स्वामी विवेकानंद
गिरकर उठना, उठकर चलना... यह क्रम है संसार का... कर्मवीर को फ़र्क़ न पड़ता किसी जीत और हार का... क्योंकि संघर्षों में पला-बढ़ा... संघर्ष ही मेरा जीवन है...
-डॉ. सौरभ मालवीय
डॉ. सौरभ मालवीय
अपनी बात
सामाजिक परिवर्तन और राष्ट्र-निर्माण की तीव्र आकांक्षा के कारण छात्र जीवन से ही सामाजिक सक्रियता। बिना दर्शन के ही मैं चाणक्य और डॉ. हेडगेवार से प्रभावित हूं। समाज और राष्ट्र को समझने के लिए "सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और मीडिया" विषय पर शोध पूर्ण किया है, परंतु सृष्टि रहस्यों के प्रति मेरी आकांक्षा प्रारंभ से ही है।
विषय
- Dr. Sourabh Malviya
- English
- अन्य लेखक
- आधी आबादी
- उत्तर प्रदेश चुनाव- 2022
- एकात्म मानवदर्शन
- काव्य
- कृषि
- केन्द्रीय बजट
- गोवंश
- चित्र पेटिका से
- टीवी पर लाइव
- डॉ. सौरभ मालवीय
- दीक्षांत समारोह
- धरोहर
- धर्म
- पर्यटन
- पर्यावरण
- पर्व
- पापा
- पुरस्कार
- पुस्तक
- पुस्तक- अंत्योदय को साकार करता उत्तर प्रदेश
- पुस्तक- भारत बोध
- पुस्तक- भारतीय पत्रकारिता के स्वर्णिम हस्ताक्षर
- पुस्तक- भारतीय राजनीति के महानायक नरेन्द्र मोदी
- पुस्तक- राष्ट्रवाद और मीडिया
- पुस्तक- राष्ट्रवादी पत्रकारिता के शिखर पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी
- पुस्तक- विकास के पथ पर भारत
- पुस्तक-भारतीय संत परम्परा : धर्मदीप से राष्ट्रदीप
- प्रकाशन
- बेसिक शिक्षा यूपी
- भारतीय जनता पार्टी
- भाषा
- मार्क्सवादी कमुनिस्ट पार्टी
- मीडिया
- मेरा जीवन
- मेरी पुस्तक
- मेरी पुस्तकें
- यात्रा संस्मरण
- राजनीति
- राष्ट्र चिंतन
- राष्ट्रवाद
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
- लोकसभा चुनाव
- विचार दर्शन
- विद्या भारती
- विविध
- वीडियो
- व्यक्तित्व
- व्याख्यान
- शिक्षा
- श्रीन्द्र मालवीय
- समाज
- सम्मान
- संविधान
- संस्कृति
- सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
- साहित्य
- सूचना
- सृष्टि मालवीय
- स्वास्थ्य
- हिन्दू संस्कृति पर माओवादी हमला
मेरे बलॊग
-
-
भारतीय पत्रकारिता का पिंड है राष्ट्रवाद, फिर इससे गुरेज क्यों? - *सौरभ मालवीय ने कहा अटल बिहारी वाजपेयी जन्मजात वक्ता थे, जन्मजात कवि हृदय थे, पत्रकार थे, प्रखर राष्ट्रवादी थे. उनके बारे में कहा जाता था कि यदि वह पाकिस्...
लोक दृष्टि
-
देश के ये सभी चर्चित चेहरे है जो दिखते भी है और लिखते भी भारतीय जनता पार्टी की कार्यकरणी बैठक गोवा से वापस दिल्ली जाते समय भोपाल स्टेशन पे...
-
वक्फ संशोधन विधेयक-2025 को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और शासन में कमियों को दूर करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ पेश किया गया था। इन संशोधन...
-
मतदाता सूची (Voter List) का नियमित पुनरीक्षण एक आवश्यक प्रक्रिया! जिन लोगों की मृत्यु हो गई है या जो किसी अन्य क्षेत्र में शिफ्ट हो गए हैं, ...
-
लखनऊ में श्री संजय मिश्रा जी , सम्पादक दैनिक जागरण (वाराणसी) की सुपुत्री की शुभ विवाह में सम्मिलित होकर स्वर्णिम दाम्पत्य जीवन की हार्दिक ...
-
15 नवम्बर जनजातीय गौरव दिवस!! भारत विविधताओं का देश है — यहाँ अनेक भाषाएँ, संस्कृतियाँ, और परंपराएँ एक साथ पनपती हैं। इन सबमें जनजातीय समुदा...
-
श्री राम जन्मभूमि मंदिर ध्वजारोहण उत्सव के दौरान प्रधानमंत्री के भाषण का मूल पाठ सियावर राम चंद्र की जय ! सियावर राम चंद्र की जय ! जय सियारा...
-
डॉ. सौरभ मालवीय उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग राजधानी लखनऊ ...
-
आज शाम हरदोई में भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदरणीय श्री अमर पाल मौर्य जी, प्रदेश मंत्री आदरणीय श्री त्रयम्बक नाथ त्रिपाठी जी, अपर महाधिवक...
-
गुणवत्ता विकास हेतु चयनित विद्यालयों की महत्वपूर्ण बैठक – अवध व कानपुर प्रान्त विद्या भारती पूर्वी उ.प्र. क्षेत्र द्वारा विद्यालयों में गु...
संप्रति
डॉ. सौरभ मालवीय
2/564, अवधपुरी खण्ड 2
खरगापुर, निकट प्राथमिक विद्यालय, गोमतीनगर विस्तार
2/564, अवधपुरी खण्ड 2
खरगापुर, निकट प्राथमिक विद्यालय, गोमतीनगर विस्तार
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
पिन- 226010
मो- 8750820740
पिन- 226010
मो- 8750820740
ईमेल - malviya.sourabh@gmail.com
***
डॉ. सौरभ मालवीय
एसोसिएट प्रोफेसर
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग
लखनऊ विश्वविद्यालय
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
मो- 8750820740
ईमेल - malviya.sourabh@gmail.com
जिन्हें पढ़ता हूं
-
शहर, कुत्ते और हमारी ज़िम्मेदारी - “पॉटी उठाना शर्म नहीं, संस्कार है, शहर की सड़कों पर पॉटी नहीं, जिम्मेदारी चाहिए” भारत में पालतू कुत्तों की संख्या 2023 में लगभग 3.2 करोड़ आंकी गई, और यह ...3 months ago
-
Read harcourt 3rd grade math Best Books of the Month PDF - *Download Kindle Editon harcourt 3rd grade math Download Now PDF* Read harcourt 3rd grade math Audio CD Open Library Rеаd thrоugh Frее Bооkѕ Onlіnе і...5 years ago
-
नमो-नमो.....आंखों ने जो देखा ! - अपन गांधी, लोहिया और दीनदयाल उपाध्याय को आदर्श राजनेता मानकर राजनीति में सक्रिय हैं। सादगी, शुचिता, विनम्रता, अध्ययनशीलता...ये सब गुण ऐसे हैं, जो ज्यादा आ...12 years ago



0 टिप्पणियाँ:
Post a Comment