पीताम्बरा पीठ
माता के दरबार में
जय माई की
दीपावली मिलन
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दीपावली मिलन
अयत्नेनैव संपद्यते जनस्य संसर्गयोगः सताम्।
अधमेन सह संयोगः, पतनं ह्यस्य साधनम्॥
(भर्तृहरि नीति शतक 18)
भावार्थ– सज्जनों का साथ सहज ही व्यक्...



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