Uttar Pradesh 2022: यूपी में लागू होने जा रही अनुभूति पाठ्यचर्या, जानिए कैसे अलग है हैप्पीनेस करिकुलम से
एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला Published by: राहुल मानव Updated Tue, 21 Dec 2021 02:37 PM IST
सार
यूपी के पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए जल्द शुरू होने जा रहा है अनुभूति पाठ्यचर्या। अगले शैक्षणिक सत्र 2022 से उत्तर प्रदेश सरकार की शुरू करने की योजना है। नीचे जाने क्या सीखेंगे छात्र?विस्तार
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों के लिए 'अनुभूति पाठ्यचर्या' जल्द ही शुरू होने वाला है। इसकी तैयारियां तेज हो गई हैं। यूपी सरकार की ओर से छात्रों को समाज, प्रकृति और देश से अधिक जुड़ाव महसूस कराने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस पाठ्यक्रम को शुरू करने का फैसला लिया गया। इस पाठ्यक्रम को उत्तर प्रदरेश राज्य के करीब 150 प्राथमिक विद्यालयों में सबसे पहले जल्द शुरू करने पर काम किया जा रहा है।
रिव्यू कमेटी की समीक्षा के बाद तैयार हुई अनुभूति पाठ्यचर्या
पाठ्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए अनुभूति पाठ्यचर्या के राज्य प्रभारी डॉ सौरभ मालवीय ने बताया कि पिछले महीने 23 से 26 नवंबर को पांच सदस्यों की रिव्यू कमेटी ने देश के अलग-अलग राज्यों में शुरू हुए हैप्पीनेस करिकुलम की समीक्षा की थी। इसमें कमेटी के सदस्यों ने विस्तार से जानकारी जुटाकर यह देखा कि उन राज्यों से किस तरह से विपरीत उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में अनुभूति पाठ्यचर्या को लागू किया जा सकता है। क्या-क्या अलग हम कर सकते हैं। यूपी एक बड़ा राज्य है, जिसकी सांस्कृतिक और भौगोलिक रचना बहुत विशाल है। इन बातों को ध्यान में रखकर अच्छी तरह से अनुभूति पाठ्यचर्या के विभिन्न विषयों को तैयार किया जा रहा है।
सांस्कृतिक और भौगोलिक स्थिति के आधार पर बनेगा पाठ्यक्रम
इस पाठ्यक्रम को राज्य की सांस्कृतिक और भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए हुए तैयार किया जा रहा है। अगले शैक्षणिक सत्र 2022-23 से इसे शुरू करने की तैयारी है। हमने पांच सदस्यों की रिव्यू कमेटी बनाई थी, जिसने पिछले महीने 23 से 26 नवंबर, 2021 मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों में शुरू हुए हैप्पीनेस करिकुलम की समीक्षा की थी। हमने यह देखा कि उत्तर प्रदेश में क्या अलग करेंगे? क्योंकि उत्तर प्रदेश की भौगोलिक रचना ज्यादा विस्तृत है। उत्तर प्रदेश में अनुभूति पाठ्यचर्या शुरू करेंगे।
यह अनुभूति पाठ्यचर्या पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक अंर्त-संबंधों को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में देखने और आत्मसात करने के लिए प्रेरित करेगी। - डॉ सौरभ मालवीय, राज्य प्रभारी, अनुभूति पाठ्यचर्या
अनुभूति पाठ्यचर्या में क्या सीखेंगे छात्र ?
पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए अनुभूति पाठ्यचर्या शुरू की जा रही है। इसमें छात्र चिंतन करेंगे। अनुभूति पाठ्यचर्या के माध्यम से समाज, प्रकृति, परिवार और देश के साथ विद्यार्थियों को अच्छी तह से जोड़ने में सक्षम बनाया जाएगा। पाठ्यक्रम के अनुसार, कक्षा पहली से पांचवीं तक के छात्रों के लिए कुल पांच पुस्तकें तैयार की जाएंगी। राज्य में 32 शिक्षकों की एक कार्यशाला आयोजित की जा रही है, जिसके तहत पाठ्यक्रम के विषयों पर अहम फैसला लिया जाएगा। अप्रैल 2022 शैक्षणिक सत्र से अनुभूति पाठ्यचर्या को शुरू करने की योजना है।
योजना पर राज्य के स्कूल कर रहे काम
उत्तर प्रदेश राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 150 स्कूल इस पहल की दिशा में काम कर रहे हैं। स्कूलों में शिक्षकों के साथ बैठकें भी की जा रही हैं, जिसमें पाठ्यचर्या को लेकर विभिन्न आयामों पर चर्चाएं हो रही हैं। एक अधिकारी के अनुसार राज्य में एक लाख 30 हजार प्राथमिक स्कूल हैं और सभी स्कूलों में अनुभूति पाठ्यचर्या को लागू करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मूल्यांकन किया जा रहा है।
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