Saturday, November 8, 2025

पुस्तक भेंट



एलएनसीटी यूनिवर्सिटी - भोपाल 
कुलपति,  प्रो.नरेंद्र कुमार थापक जी 
पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डॉ. अनु श्रीवास्तव जी 
शोध छात्रा अंकिता द्विवेदी

इस अवसर पर अपनी पुस्तक 'भारतीय राजनीति के महानायक नरेन्द्र मोदी' भेंट की. 

टोली बैठक








प्रचार विभाग -
मध्य भारत प्रांतीय टोली बैठक में रहने का अवसर - भोपाल 

Friday, November 7, 2025

पुस्तक भेंट

 

सुखद भेंट!!
श्री विजय मनोहर तिवारी जी 
कुलगुरु 
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय - भोपाल

इस अवसर पर उन्हें अपनी पुस्तक 'भारतीय संत परम्परा : धर्मदीप से राष्ट्रदीप' भेंट की. 

Sunday, November 2, 2025

कुटुंब का पैगाम -2025







लखनऊ। 
यंगस्टर्स फाउंडेशन - द्वारा आयोजित 'कुटुंब का पैगाम -2025' में रहने का अवसर।
संस्था के निदेशक श्री देश दीपक सिंह की दृष्टि बहुत व्यापक है. समाज, देश और राष्ट्र के वास्ते युवाओं में सामाजिक, पारिवारिक और राष्ट्रीय विचार का कैसे बीजारोपण करें इस वास्ते इस मंच पर आप नुक्कड़ नाटक  का आयोजन था. 
सामाजिक जागरूकता में नुक्कड़ नाटक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नुक्कड़ नाटक (Street Play) एक ऐसा नाट्य रूप है जो खुले स्थानों — जैसे बाज़ार, स्कूल, चौक, या मोहल्ले में — प्रस्तुत किया जाता है। इसका उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक संदेश देना होता है।
नुक्कड़ नाटक दर्शकों से सीधे संवाद करता है, जिससे संदेश अधिक प्रभावी और भावनात्मक बन जाता है।
यह किसी भी बड़े मंच या साधन की आवश्यकता नहीं रखता, इसलिए समाज के हर वर्ग तक पहुँच सकता है — ग्रामीण, शहरी, गरीब या अशिक्षित सभी तक।
 नाटक सामाजिक बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, बाल विवाह, स्वच्छता, भ्रष्टाचार, नशा, लैंगिक समानता आदि पर जनजागृति फैलाता है।
लोग केवल दर्शक नहीं रहते, वे संवाद का हिस्सा बनते हैं। इससे सामाजिक बदलाव की दिशा में सामूहिक सोच विकसित होती है।
नाटक के माध्यम से हँसी, दुःख और भावनाओं का प्रयोग दर्शकों के मन में संदेश को गहराई से बिठा देता है।
नुक्कड़ नाटक समाज के आईने की तरह है — जो लोगों को उनकी वास्तविक स्थिति दिखाता है और उन्हें सोचने, समझने और बदलाव की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। इसलिए सामाजिक सुधार और जनजागरूकता के क्षेत्र में इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
Desh Deepak Singh जी और उनकी पूरी टीम को साधुवाद।

टीवी पर लाइव



सपा (समाजवादी पार्टी), कांग्रेस, और ओवैसी (AIMIM) मुसलमानों को “वोट बैंक” के रूप में इस्तेमाल करते हैं। यह एक आम राजनीतिक आरोप है, और इस पर कई तरह की राय मौजूद हैं और सच के करीब है.
“वोट बैंक राजनीति” का मतलब होता है — किसी समुदाय, जाति या धर्म विशेष को एक समूह के रूप में ट्रीट करके, उनके मुद्दों की बात करना मुख्यतः चुनावी समर्थन पाने के लिए, न कि जरूरी तौर पर उनके सामाजिक या आर्थिक विकास के लिए। 
यूपी की राजनीति में सपा ने परंपरागत रूप से मुसलमान + यादव (MY) समीकरण पर फोकस किया है। पार्टी खुद को “सेक्युलर” बताती है, पर विरोधी दलों का कहना है कि वह मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती है।
आज़ादी के बाद लंबे समय तक कांग्रेस ने खुद को सभी धर्मों का प्रतिनिधि बताया, लेकिन उसने मुसलमानों के सामाजिक-आर्थिक विकास पर ठोस नीति की बजाय केवल सुरक्षा और सेक्युलरिज़्म के वादे किए।
ओवैसी खुद को मुसलमानों की आवाज़ बताते हैं, जबकि उनकी राजनीति मुख्यतः पहचान की राजनीति (identity politics) पर आधारित है, 
भारत में मुसलमानों की शिक्षा, रोज़गार, और सामाजिक स्थिति पर ध्यान अपेक्षाकृत कम रहा है।
अंत में सबका साथ सबका विकास मोदी ने सभी के सपनों में पँख लगाया है....!

Saturday, November 1, 2025

टीवी पर लाइव



स्वामी प्रसाद मौर्य (सपा नेता) ने हाल के समय में सनातन धर्म, हिन्दू धर्म-प्रथाओं को लेकर कई अपमान जनक बयान दिए हैं। सस्ती लोकप्रियता उनकी फिदरत बन गयी है.

पुस्तक भेंट


दूरदर्शन के प्रसिद्ध टीवी एंकर श्री संतोष चौधरी को अपनी पुस्तक 'भारतीय पत्रकारिता के स्वर्णिम हस्ताक्षर' भेंट की.

भारत की राष्‍ट्रीयता हिंदुत्‍व है