Tuesday, March 26, 2019

विकास के पथ पर भारत

 


समाजसेवी और संस्कृतिकर्मी डॉ. सौरभ मालवीय जी ने केंद्र व राज्य सरकारों की 34 प्रमुख योजनाओं को बेहद सहज और सरल भाषा में समझाने की सकारात्मक पहल की है.
किताबः विकास के पथ पर भारत
लोकसभा चुनाव में अब महीने भर से भी कम समय बचे है । चुनावी दौर में सरकारें जहां दावे कर रही हो...विपक्ष वादा कर रहा हो वहां एक पत्रकार होने के नाते यह नैतिक कर्तव्य हो जाता है कि समाज को सच से वाकिफ कराएं । 

माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. सौरभ मालवीय जी की यह किताब 'विकास के पथ पर भारत' हमें सरकारी योजनाओं के सच से जोड़ के रखती है । पुस्तक में कुल चौतीस योजनाओं का सूचनात्मक विश्लेषण किया गया है । 
किसी भी लोकतान्त्रिक देश के नागरिकों के सामजिक ,आर्थिक उत्थान के लिए सरकारें समय समय पर जनकल्याणकारी योजनाए लाती है।  इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाना होता है। ऐसी ही कुछ योजनाओं को अपने अंदर समेटे यह किताब लोगों तक पहुँच रही है। 
समग्र ग्रामीण विकास के बिना भारत निर्माण असंभव है।  इस पुस्तक के अध्याय व पृष्ठ पलटने के बाद यह  स्पष्ट  हो जाता है कि यह किताब सरकारी योजनाओं के सूचनात्मक, व्याख्यात्मक विवरण और तथ्यों पर आधारित है. इस पुस्तक के माध्यम से यह भी पता चलता है की देश की एक बड़ी आबादी जो किसान है मजदूर हैं उनके लिए "राष्ट्रीय मृदा स्वस्थ कार्ड योजना" "प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना' ' "दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना " प्रधानमंत्री फसल बिमा योजना" राष्ट्रीय कृषि बाजार" जैसे अनेको योजनाएँ उनके कल्याण के लिए चलाई जा रही है।

किसी भी योजना की सफलता और असफलता इस बात पर निर्भर करती है की वह योजना लोगो के जीवनशैली और भौगोलिक परिदृश्य के अनुसार किस तरह कार्यवन्तित हो रही है। योजना सरकारी सोच से आम नागरिको के सोच में किस तरह तब्दील हो रही है।  प्रशाशनिक सूझबूझ भी योजनाओं की सफलता सुनिश्चित कराती है। सुचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गयी एक जानकारी में यह बात सामने आयी है की देश के 81 % जिलाधिकारी देश के 15 बड़े शहरों से आते है। शहरी इंडिया जब भारतीय ग्रामीण जीवनशैली और उनके सामाजिक सरोकारों को नहीं समझ पाता है तो विकास के पहिये की गति धीमी पड़ जाती है। 
विभिन्न सरकारी योजनाओं को शुरू करने का लक्ष्य यही है कि योजना की पहुंच हर किसी तक हो , विकास समावेशी हो ।  कुछ ऐसे ही पैमानों के आधार पर यहां उल्लेखित 34 योजनाओं का आंकलन किया जाना चाहिए. 
इस किताब की प्रस्तावना में डॉ सौरभ मालवीय ने लिखा भी है कि 'देश के लोगों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक विकास के लिए सरकार अनेक योजनाएं चला रही हैं. हर योजना का उद्देश्य होता है कि उसका लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचे. जब योजना का लाभ व्यक्ति तक पहुंचता है, वह योजना सफल होती है. इस समय देश में लगभग डेढ़ सौ योजनाएं चल रही हैं. इनमें अधिकतर पुरानी योजनाएं हैं. इनमें कई ऐसी पुरानी योजनाएं भी हैं, जिनके नाम बदल दिए गए हैं. इनमें कई ऐसी योजनाएं भी हैं, जो लगभग बंद हो चुकी थीं और उन्हें दोबारा शुरू किया गया है. इनमें कुछ नई योजनाएं भी सम्मिलित हैं. देश में दो प्रकार की सरकारी योजनाएं चल रही हैं. पहली योजनाएं वे हैं, जो केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाती हैं. इस तरह की योजनाएं पूरे देश या देश के कुछ विशेष राज्यों में चलाई जाती हैं. दूसरी योजनाएं वे हैं, जो राज्य सरकारें चलाती हैं. इस पुस्तक के माध्यम से सरकारी की कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए उन्हें पाठकों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है. अकसर ऐसा होता है कि अज्ञानता और अशिक्षा के कारण लोगों को सरकार की जन हितैषी योजनाओं की जानकारी नहीं होती, जिसके कारण वे इन योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित रह जाते हैं. इस पुस्तक का उद्देश्य यही है कि लोग उन सभी योजनाओं का लाभ उठाएं, जो सरकार उनके कल्याण के लिए चला रही है।. इन योजनाओं की जानकारी संबंधित मंत्रालयों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है. उल्लेखनीय है कि समय-समय पर योजनाओं में आंशिक रूप से परिवर्तन भी होता रहता है.

डॉ मालवीय जी ने गहन अध्ययन के बाद इस किताब के माध्यम से केंद्र व राज्य सरकारों की 34 प्रमुख योजनाओं को समझाने की पहल की है. जिस संतुलन के साथ विषयवस्तु को प्रस्तुत किया गया है अनुकरणीय है। यह पुस्तक निःसंदेह सामजिक मानसिकता को एक नयी दिशा देगी और आशावादी बनने को प्रेरित करेगी। 
पुस्तक का प्रकाशन यश पब्लिकेशन ने किया है । प्रकाशक ने पुस्तक के बारे में लिखा है कि देश की केंद्र सरकार और राज्य सरकारें जनता के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चला रही हैं. इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य जनता के जीवन स्तर में सुधार लाना तथा सभी क्षेत्रों का समान विकास सुनिश्चित बनाना है. सरकार द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लक्षित समूहों की स्थिति के अनुरूप तैयार किया जाता है, ताकि लक्षित वर्ग इन से लाभान्वित हो सके. सरकार महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दे रही है और इसके लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं. सरकार द्वारा  बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, जन धन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, डिजीटल इंडिया तथा स्वच्छ भारत मिशन आदि महत्वकांक्षी योजनाएं चलाई जा रही हैं. यह पुस्तक केंद्र और राज्य सरकारों की ऐसी ही कुछ योजनाओं पर प्रकाश डालती है. इस पुस्तक के माध्यम से सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है. निश्चित रूप से यह पुस्तक  अपने उद्देश्य में सफलता प्राप्त करेगी.
किताब के कवर डिजाइन पाठकों को आकर्षित करती है ।
पुस्तक के मुखपृष्ठ पर प्रधानमन्त्री मोदी और किसान की खिलखिलाती छवि देश की समृद्धि की तरफ इशारे कर रही है। सड़क से संसद ,गांव शहर या संस्कृति सबको ओढ़े हुए...
वैसे किसी किताब के मुखपृष्ठ से पुरे किताब की अवधारणा स्पष्ट नहीं होती है । पुस्तक के मूल स्वरूप को जानने के लिए पन्ने पलटने पड़ते है । हजारों शब्दों से जूझ के कुछ बुझ पाते है ।
-रजनीकांत  

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