Monday, October 20, 2008

राष्ट्रीय साहित्य


राष्ट्रीय साहित्य इटली के विश्वविद्यालयों में पढाया जाएगा टैगोर साहित्य कोलकत्ता 20 अक्टूबर बांग्ला भाषा और टैगोर साहित्य के अध्ययन के लिए इटली के 11 विश्वविद्यालय अपने यहां अलग से विभाग खोलने जा रहे हैं। यहां स्थित इतालवी महावाणिज्य दूतावास के सूत्रों के मुताबिक इन विश्वविद्यालयों के कुलपति कोलकत्ता जादवपुरण् रवीन्द्र भारती और वर्द्धमान विश्वविद्यालयों के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए जल्द ही भारत आएंगे।

टैगोर साहित्य का अध्ययन करने के लिए बडी संख्या में इटली के छात्र भारत का रूख कर रहे हैं। इसके अलावा भाषा में दिलचस्पी रखने वाले इटली के भाषाविद कई विदेशी विश्वविद्यालयों में बांग्ला का अध्ययन कर रहे हैं1 गीतांजली के लिए वर्ष 1913 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की अधिकांश रचनाएं पुनर्जागरण काल में इटली में लिखी गई दुखांत कृतियों से प्रेरणाप्राप्त हैं। यही वजह है कि इटली के छात्रों की गुरूदेव के साहित्य में गहरी दिलचस्पी है।

गुरूदेव के नाटक और पुनर्जागरण काल के इतालवी साहित्य से तुलनात्मक अध्ययन विश्वविद्यालयों में शुरू किए जाने वाले पाठक्रमों के केन्द्रबिन्दु होंगे। साथ ही इतावली और गुरूदेव की संगीत नाटिकाओं को भी पाठक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। पश्चिम बंगाल के चार विश्वविद्यालयों ने भी अपने यहां इटालवी भाषा का पाठक्रम शुरू करने की योजना बनाई है। विश्वविद्यालय की इतालवी भाषा और साहित्य में डिग्री कोर्स शुरू करने की योजना है। इतालवी भाषा में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स अगले वर्ष शुरू हो जाएगा।

2 टिप्पणियाँ:

फ़िरदौस ख़ान said...

अच्छी पोस्ट है...लिखते रहें...

शोभा said...

बहुत अच्छा लिखा है। बधाई स्वीकारें।

भारत की राष्‍ट्रीयता हिंदुत्‍व है